कोटा में निवास कर रहे पंचनदी वंश के एक मात्र परिवार की वयोवृद्ध श्रीमती स्नेहलता (कुसुम) जी का 95 वर्ष की आयु में गोलोकगमन
श्रीमती स्नेहलता
तैलंग (कुसुम) पत्नी स्व. पंचनदी श्री कृष्णराय जी का 95 वर्ष की उम्र में कोटा
में दिनांक 31
पंचनदी श्रीमती स्नेहलता तैलंग
जुलाई को ब्रह्ममुहूर्त में प्रात: 4 बजे गोलोकगमन हो गया. वे कुछ
समय से बहुत निर्बलता अनुभव कर रही थीं और कुछ समय पूर्व ही सबसे बड़ी पुत्री गो.
निशा जी के कोटा में ही निधन से शोक संतप्त थीं. अपने ही सामने अपने ज्येष्ठ
पुत्र और पुत्रियों के निधन के कारण भी वे ज्यादातर मौन रहती थीं और वृद्धावस्था
के कारण बिस्तर पर आ गई थीं. उन्हें किसी भी प्रकार का रोग नहीं था. वे अहमदाबाद
निवासी स्व. रेही गोपीनाथजी की बहिन थीं एवं काँच के व्यवसायी श्री विनय रेही की
बुआ थीं. आप के तीन पुत्र स्व. श्री प्रभास (दीपक) तैलंग- श्रीमती मंजुलता, कनिष्ठ
विशेषज्ञ (मेडिसिन) डॉ. बी. सी. तैलंग- सौ. अंशु और प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़े
श्री सुबोध तैलंग- सौ. शालिनी सहित उनके 5 पुत्रियाँ स्व. निशा गोस्वामी, बड़ौदा
स्व. वंदना करंभा, बड़ौदा, सौ.पूर्णिमा-श्री रवींद्र तैलंग, सौ. कुमुद (मुन्नी)-श्री
अनिल तैलंग और स्व. गो. सौ. कविता- गो. श्याम मनोहर जी महाराज पोरबंदर-राजकोट.
कोटा में समाज में वे सबसे वृद्ध महिला थीं और मिलनसार, व्यवहारकुशल और संस्कारवान
थी, पुष्टिमार्गीय सम्प्रदाय का गहन अनुभव था. घर में निधि स्वरूप बिराजमान होने
के कारण नित्य सेवा एवं सभी के द्वारा संध्यावंदन और नित्य नियम से रहने वाले
परिवार में वे अपने पीछे 3पुत्र-5पुत्री 3पौत्र-3पौत्री, 2प्रपौत्र- 2प्रपौत्री,
दोहित्र-दौहित्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ कर गईं. उत्तर भारतीय दाक्षिणात्य
वैल्लनाडु परिवार में पंचनदी वंश का यह एक मात्र परिवार ही है, जो कोटा में स्थाई
निवास कर रहा है. लगभग दस वर्ष पूर्व प्रथम प्रपौत्र के जन्म के साथ उन्हें घर
में ही भव्य समारोह आयोजित कर स्वर्ण सोपान भी चढ़ाया गया था. स्व. प्रभास
तैलंग व डॉ. बी.सी. तैलंग कोटा में संघ के बहुत ही सम्मानित व्यक्ति होने के
कारण अंतिम यात्रा में संघ एवं संस्कार भारती के अनेक सदस्यों सहित कोटा में
समाज के प्रत्येक घर से कोई न कोई सम्मिलित हुआ. कोरोना के कारण उपस्थिति ज्यादा
नहीं थी.
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