वैल्लनाडु ब्राह्मण समाज का एक मात्र सशक्त संवादवाहक त्रैमासिक पत्र 'तैलंगकुलम्' हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी बृहद् स्तर पर समाज के सभी वर्ग के प्रतिभावान्, योग्य, विद्वज्जनों, छात्र-छात्राओं, युवाओं, शोधार्थियों, अन्यत्र सम्मानित साहित्यकारों, कलाकारों और सम्पूर्ण जीवन समाज व देश के लिए साहित्य कला और संस्कृति से जुड़े हुए लोगों को लाइफ टाइम एचीवमेंट सम्मान से भी सम्मानित करेगा। तैलंगकुलम् का इस आयोजन का 20 जुलार्इ 2014 को सायं 4 बजे शुभारंभ होगा, जयपुर के सूचना केंद्र के सभागार मेंं। इस कार्यक्रम में जिन प्रतिभाशालियों को सम्मानित किया जायेगा, उनके बारे में जानने के लिए आप फेसबुक पर तैलंगकुलम की टाइमलाइन पर विस्तार से पढ़ सकते हैं। फिर भी इसे यहाँ क्लिक कर के इसे विस्तार से पढ़ा जा सकता है।
तैलंगकुलम् एक पत्र ही नहीं एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा यह समाज शहर या प्रदेश में ही नहीं सम्पूर्ण भारत में अपनी एक
पैठ बनाता जा रहा है। आरंभ में 'वंशवृक्ष', 'समवेत', 'सान्निध्य-स्रोत' और अब 'तैलंगकुलम्'। यह पत्रकारिता के माध्यम से इतना चर्चित नहीं है, चर्चित है उसके आयोजनों से। हर वर्ष प्रतिभाओं का सम्मान, त्रैमासिक इस पत्र से समाज की गतिविधियों को गंभीरता से सम्मिलित करते हुए उसे गति देना, लुप्तप्राय होती जा रही संस्कारों की आधारशिला को एक नई ऊर्जा देने के लिए दो वर्ष में एक बार आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार समारोह। यह हमारे समाज में एक नई ऊर्जा का एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। इन आयोजनों से और आयोजन में सम्मिलित हो रहे हमारे परिवारों में यह नई चेतना *तैलंगकुलम्* को एक धरोहर के रूप में स्थापित करेगी। वर्ष 2012 में आचार्य पं0 डा0 अच्युत लाल भट्ट के सान्निध्य में पहला सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार समारोह आयोजित हुआ था। सामूहिक यज्ञोपवित समारोह जयपुर में सम्पन्न हुआ था। इसकी झलक आप वीडियों पर देख सकते हैं। टाइमलाइन पर विज्ञप्ति के माध्यम से तैलंगकुलम् परिवार ने समाज के सभी परिवारों को सादर आमंत्रित किया है।
तैलंगकुलम् एक पत्र ही नहीं एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा यह समाज शहर या प्रदेश में ही नहीं सम्पूर्ण भारत में अपनी एक
पैठ बनाता जा रहा है। आरंभ में 'वंशवृक्ष', 'समवेत', 'सान्निध्य-स्रोत' और अब 'तैलंगकुलम्'। यह पत्रकारिता के माध्यम से इतना चर्चित नहीं है, चर्चित है उसके आयोजनों से। हर वर्ष प्रतिभाओं का सम्मान, त्रैमासिक इस पत्र से समाज की गतिविधियों को गंभीरता से सम्मिलित करते हुए उसे गति देना, लुप्तप्राय होती जा रही संस्कारों की आधारशिला को एक नई ऊर्जा देने के लिए दो वर्ष में एक बार आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार समारोह। यह हमारे समाज में एक नई ऊर्जा का एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। इन आयोजनों से और आयोजन में सम्मिलित हो रहे हमारे परिवारों में यह नई चेतना *तैलंगकुलम्* को एक धरोहर के रूप में स्थापित करेगी। वर्ष 2012 में आचार्य पं0 डा0 अच्युत लाल भट्ट के सान्निध्य में पहला सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार समारोह आयोजित हुआ था। सामूहिक यज्ञोपवित समारोह जयपुर में सम्पन्न हुआ था। इसकी झलक आप वीडियों पर देख सकते हैं। टाइमलाइन पर विज्ञप्ति के माध्यम से तैलंगकुलम् परिवार ने समाज के सभी परिवारों को सादर आमंत्रित किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें