





पैठ बनाता जा रहा है। आरंभ में 'वंशवृक्ष', 'समवेत', 'सान्निध्य-स्रोत' और अब 'तैलंगकुलम्'। यह पत्रकारिता के माध्यम से इतना चर्चित नहीं है, चर्चित है उसके आयोजनों से। हर वर्ष प्रतिभाओं का सम्मान, त्रैमासिक इस पत्र से समाज की गतिविधियों को गंभीरता से सम्मिलित करते हुए उसे गति देना, लुप्तप्राय होती जा रही संस्कारों की आधारशिला को एक नई ऊर्जा देने के लिए दो वर्ष में एक बार आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार समारोह। यह हमारे समाज में एक नई ऊर्जा का एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। इन आयोजनों से और आयोजन में सम्मिलित हो रहे हमारे परिवारों में यह नई चेतना *तैलंगकुलम्* को एक धरोहर के रूप में स्थापित करेगी। वर्ष 2012 में आचार्य पं0 डा0 अच्युत लाल भट्ट के सान्निध्य में पहला सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार समारोह आयोजित हुआ था। सामूहिक यज्ञोपवित समारोह जयपुर में सम्पन्न हुआ था। इसकी झलक आप वीडियों पर देख सकते हैं। टाइमलाइन पर विज्ञप्ति के माध्यम से तैलंगकुलम् परिवार ने समाज के सभी परिवारों को सादर आमंत्रित किया है।